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Lal Kitab Remedies for Sleeping House - ... »

लाल किताब के अनुसार जिस घर में कोई ग्रह न हो तथा जिस घर पर किसी ग्रह की नज़र नहीं पड़ती हो उसे सोया हुआ घर माना जाता है. लाल किताब का मानना है जो घर सोया (Lal Kitab Sleeping House) होता है उस घ्रर से ...

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मंगल केतु में समनता एवं विभेद (Similarit... »

मंगल व केतु दोनों ही जोशीले ग्रह हैं. लेकिन, इनका जोश अधिक समय तक नहीं रहता है. दूध की उबाल की तरह इनका इनका जोश जितनी चल्दी आसमान छूने लगता है उतनी ही जल्दी वह ठंढ़ा भी हो जाता है. इसलिए, इनसे प्रभाव...

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विवाह के उपाय (Remedies and Upay to avo... »

समय पर अपनी जिम्मेदारियों को पूरा करने की इच्छा के कारण माता-पिता व भावी वर-वधू भी चाहते है कि अनुकुल समय पर ही विवाह हो जायें. कुण्डली में विवाह विलम्ब से होने के योग होने पर विवाह की बात बार-बार प्र...

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शनि और पाप ग्रह (Shani and Malefic Planets) »

नवग्रहों में शनि स्वयं पाप ग्रह है.जब शनि अन्य पाप ग्रहों के साथ होता है तब यह किस प्रकार का फल देता है यह उत्सुकता का विषय है.क्या शनि का पाप प्रभाव और बढ़ जाता है या शनि शुभ प्रभाव देता है.विभिन्न भ...

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शनि नौकरी एवं कारोबार (Saturn's Influence on Profe... »

शनि देव कर्म के स्वामी हैं (Saturn is the lord of Karma). जिनकी कुण्डली में शनि देव की शुभ स्थिति होती है उनका करियर ग्राफ निरन्तर आगे बढ़ता रहता है . ग्रह की स्थिति जिनकी कुण्डली में अशुभ होती है उन्...

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शनि का गोचर (Saturn's transit) »

नवग्रहों में शनि को सर्वाधिक शक्तिशाली ग्रह के रूप में जाना जाता है.शनि भाग्य का निर्माता है तो भाग्य को अभाग्य में बदलने की क्षमता भी रखता है.शनि को ज्योतिषशास्त्र में अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान दिया गय...

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राशियों पर शनि का प्रभाव (Saturn's Influence in Di... »

जैसे कुछ ग्रहों के साथ शनि देव शुभ होते हैं और कुछ के साथ अशुभ फलदायी, उसी प्रकार कुछ 12 राशियों में से कुछ में शनि लाभदायक तो कुछ में हानिकारक होते हैं.आपकी कुण्डली में शनि किस राशि में हैं और यह आपक...

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शनि साढे साती, प्रभाव एवं उपचार (Saturn Sade Sati,... »

ज्योतिषशास्त्र के अनुसार साढ़े साती तब बनती है जब शनि गोचर में जन्म चन्द्र से प्रथम, द्वितीय और द्वादश भाव से गुजरता है। शनि एक राशि से गुजरने में ढ़ाई वर्ष का समय लेता है इस तरह तीन राशियों से गुजरते...

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जैमिनी ज्योतिष से विवाह का विचार Determination of ... »

जैमिनी ज्योतिष (Jaimini Jyotish) में विवाह के विचार के लिए उपपद को एक महत्वपूर्ण कारक के रुप में देखा जाता है. उपपद और दाराकारक (Uppad and Dara Karak) से दूसरे एवं सातवें घर एवं उनके स्वामियों का भी व...

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लाल किताब और गृहस्थ सुख (Lal kitab and the Married... »

लाल किताब कहता है यदि शुक्र जन्म कुण्डली में सोया हुआ है तो स्त्री सुख में कमी आती है. राहु अगर सूर्य के साथ योग बनाता है तो शुक्र मंदा हो जाता है जिसके कारण आर्थिक परेशानियों के साथ साथ स्त्री सुख भी...

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विवाह लग्न और वैवाहिक जीवन (Marriage Ascendant & M... »

विवाह के समय शुभ लग्न (benefic ascendant) उसी प्रकार महत्व रखता है, जैसा जन्म कुण्डली (birth chart) में लग्न स्थान (ascendant) में शुभ ग्रहों की स्थिति का होता है.विवाह के लिए लग्न निकालाते समय वर वधु...

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मांगलिक दोष (Manglik Dosha - Kuja Dosha) »

मांगलिक दोष (Manglik Dosha) जिसे कुजा दोष (Kuja Dosha) भी कहते हैं विवाह के विषय में बहुत ही गंभीर और अमंगलकारी मानी जाती है. मांगलिक दोष से पीड़ित लड़का हो या लड़की दोनों की शादी को लेकर माता पिता की...

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मांगलिक दोष में विवाह (Marriage and Manglik Dosha)... »

कुण्डली में जब प्रथम, चतुर्थ, सप्तम, अष्टम अथवा द्वादश भाव में मंगल होता है तब मंगलिक दोष (manglik dosha) लगता है.इस दोष को विवाह के लिए अशुभ माना जाता है.यह दोष जिनकी कुण्डली में हो उन्हें मंगली जीवन...

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मंगल केतु में समनता एवं विभेद (Similarities and di... »

मंगल व केतु दोनों ही जोशीले ग्रह हैं. लेकिन, इनका जोश अधिक समय तक नहीं रहता है. दूध की उबाल की तरह इनका इनका जोश जितनी चल्दी आसमान छूने लगता है उतनी ही जल्दी वह ठंढ़ा भी हो जाता है. इसलिए, इनसे प्रभाव...

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Effects of Jupiter on Career and Business »

गुरू को सत्वगुणी ग्रह माना जाता है. यह ज्ञान व भाग्य का प्राकृति स्वामी ग्रह माना जाता है. ज्योतिषशास्त्र में इसे धन का कारक भी कहा गया है. आजीविका का सम्बन्ध धन व आय से होता है. इस लिहाज से गुरू का स...

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चौघडिया - Chogadhia The instant Muhurta »

तेजी से भागते, बदलते समय ने ज्योतिष के मूहुर्त को भी बदल के रख दिया है. आज झटपट मूहुर्त का चलन है. मूहुर्तों की इसी श्रेणी में चौघडिया मूहुर्त (Chaughadia muhurtas) का नाम आता है. इस मूहुर्त को गुजरात...

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आपकी कुण्डली में धन योग (Laxmi yoga or Dhan yoga i... »

देवी लक्ष्मी की कृपा हम सभी प्राप्त करना चाहते हैं क्योंकि देवी लक्ष्मी ही सुख वैभव को देने वाली है.ज्योतिषशास्त्र की दृष्टि में धन वैभव और सुख के लिए कुण्डली में मौजूद धनदायक योग (Lakshmi Yoga) काफी ...

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विपरीत राजयोग (Vipreet Rajyoga) »

जिस प्रकार कुण्डली में राजयोग सुख, वैभव, उन्नति और सफलता देता है उसी प्रकार विपरीत राजयोग भी शुभ फलदायी होता है. ज्योतिषशास्त्र के नियमानुसार जब विपरीत राजयोग (Vipreet Rajyoga) बनाने वाले ग्रह की दशा ...

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लाल किताब से बनायें मंगल को शुभ (Lal Kitab Remedie... »

मंगल को लाल किताब (Lal kitab) में शेर कहा गया है। यह अगर नेक हो तो वीरता, साहस और पराक्रम देता है। अगर मंदा हो तो भाई बंधुओं से परेशानी होती है। विवादो में उलझना पड़ता है। लाल किताब कहता है मंगल अगर म...

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मुहूर्त में लग्न और कार्य (Lagna According Work in... »

मुहूर्त (muhurat) वैदिक ज्योतिष (Vedic astrology) का महत्वपूर्ण अंग है। यह समय विशेष में कार्य की शुभता और अशुभता की जानकारी देता है। अगर आप अपने कार्य को सफलता प्राप्त करना चाहते हैं तो मुहूर्त में ल...

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कालसर्प शान्ति के लिये नाग पंचमी पूजा- Nag Pa... »

नाग पंचमी श्रवण मास में शुक्ल पक्ष की पंचमी को मनाया जायेगा, इस वर्ष यह पर्व 14 अगस्त, शनिवार, हस्त नक्षत्र में रहेगा. यह श्रद्धा व विश्वास का पर्व है. नागों को धारण...

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नंदी नाड़ी ज्योतिष (Nandi Nadi Jyotisha) »

भगवान शंकर के गण नदी द्वारा जिस ज्योतिष विधा को जन्म दिया गया उसे नंदी नाड़ी ज्योतिष के नाम से जाना जाता है. नंदी नाड़ी ज्योतिष मूल रूप से दक्षिण भारत में अधिक लोकप्...

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पंचक - Panchak »

धनिष्ठा का उतरार्ध, शतभिषा, पूर्वा भाद्रपद, उतरा भाद्रपद व रेवती इन पांच नक्षत्रों ( सैद्धान्तिक रुप से साढेचार) को पंचक कहते है. पंचक का अर्थ ही पांच का समूह है. सर...

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प्रश्न कुण्डली एवं व्यवसाय और रोजगार (Horary ... »

व्यवसाय का सम्बन्ध जीविका से है. जीविका के लिए व्यक्ति व्यापार करता है या नौकरी. इसका स्तर छोटा भी हो सकता है और बड़ा भी. इसमें पदोन्नति भी होती है और स्थानांतरण भी....

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प्रतियोगिता या विवाद के प्रश्न (Prashna about... »

प्रतियोगिता एवं वाद के परिणाम के प्रति सभी की उत्सुकता होती है. प्रश्न ज्योतिष (Horary Astrology) के अनुसार प्रतियोगिता एवं वाद के संबन्ध में अंदाज़ा स्वयं लगा सकते ...

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रत्नों का चुनाव कीजिए लाल किताब के अनुसार (... »

ग्रह रत्न धारण करने का विशेष नियम है। लाल किताब कहता है जिस ग्रह का रत्न धारण करना हो उस ग्रह से सम्बन्धित धातु की अंगूठी में रत्न धारण करना चाहिए। इस संदर्भ में यह ...

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Bhadrapada Sankranti - भाद्रपद संक्रान्ति 201... »

भाद्रपद कृष्ण तृ्तीय तीथि (इस वर्ष इस तिथि का क्षय रहेगा.) अर्थात 27 अगस्त 2010, शुक्रवार, उतरभाद्रपद नक्षत्र, चन्द्र मीन राशि में, भद्रा 16:31 तक रहेगी. 27 अगस्त 20...

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जब होता है कालसर्प योग पीड़ादायक (When Does K... »

यह जरूरी नहीं कि जिनकी कुण्डली में कालसर्प योग (Kalsarp Yoga) हैं उन्हें इस योग का अशुभ फल जन्मकाल से ही मिलने लगे. अगर आपकी कुण्डली में शुभ योग हैं तो आपको उनका भी...

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समय और ग्रहों के अनुकूल रत्न धारण (Wearing Lu... »

रत्न में करिश्माई शक्तियां होती है.रत्न अगर सही समय में और ग्रहों की सही स्थिति को देखकर धारण किये जाएं तो इनका सकारात्मक प्रभाव प्राप्त होता है अन्यथा रत्न विपरीत प...

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