ज्योतिष योग एवं आजीविका (Astrological Yoga and Occupation)

ज्योतिषशास्त्र के अनुसार कुण्डली के बारह घरों में नवग्रहों की स्थिति को देखकर व्यक्ति की हर प्रकार की उत्सुकता को शांत किय जा सकता है.युवाओं के मन में रोजगार को लेकर विशेष चिंता रहती है.
आइये देखें जन्मपत्रिका के योग किस प्रकार से रोजगार के विषय में संकेत देते हैं.
फलादेश विचार (Phaladesh vichar)
ज्योतिषशास्त्र में फलों का विचार करते समय मुख्यत: तीन तथ्यों का ध्यान रखना होता है.
- योग, दशा
- अन्तर्दशा
- गोचर
रोजगार और दशम भाव एवं दशमेश (Tenth House and Occupation)
जन्म कुण्डली में दशम भाव को व्यवसाय का घर कहा जाता है.इसी भाव से रोजगार का विचार किया जाता है.इस भाव में जो ग्रह बलवान होता है उसी के आधार पर व्यवसाय का आंकलन किया जाता है.अगर दशम भाव रिक्त है तो दशमेश नवमांश कुण्डली में जिस भाव में होता है उस भाव का जो स्वामी ग्रह होता है उस ग्रह के स्वभाव और कर्म के अनुसार व्यक्ति का रोजगार होता है.दशम भाव का स्वामी जिस राशि एवं भाव में स्थित है उस राशि के स्वामी के आधार पर भी रोजगार का विचार किया जाता है.
योग और रोजगार (Astrological Yoga and Occupation)
ज्योतिषशास्त्र में ग्रहों के योग के अनुसार रोजगार के विषय में यह बताया गया है
- सूर्य और चन्द्रमा की युति होने पर रक्षा विभाग से सम्बन्ध होता है.
- सूर्य और मंगल की युति न्यायाधीश बनाता है एवं न्याय विभाग में स्थान दिलाता है.
- सूर्य और शनि की युति होने पर जातक विदेश में रह कर आजीविका कमाता है.
- सूर्य और केतु का संयोग पुरोहित, धर्मशास्त्री एवं कृषि से सम्बन्धी कार्य का संकेत माना जाता है.
- चन्द्रमा और मंगल की युति अगर जन्मकुण्डली में हो तो व्यापार में सफलता का संकेत होता है.
- चन्द्रमा बुध के साथ होने पर सचिव और सलाहकार का पद प्रदान करता है.
- चन्द्रमा और बृहस्पति की युति ज्योतिषशास्त्री एवं धर्म प्रचारक के रूप में ख्याति दिलाती है.
- चन्द्रमा और शुक्र दोनों ही सौन्दर्य के प्रतीक हैं इनकी युति व्यक्ति को सौन्दर्य के क्षेत्र में कामयाबी देती है.
- मंगल और बुध की युति विज्ञान और इंजीनियरिंग के क्षेत्र में सफलता दिलाती है.
- मंगल एवं शुक्र की युति एक्सपोर्ट इम्पोर्ट के काम में कामयाबी दिलाती है.
- बुध गुरू की युति सरकारी क्षेत्र में उच्चाधिकारी बनाता है.इस योग से प्रभावित व्यक्ति लेखक अथवा सम्पादक भी हो सकते हैं.
- गुरू एवं शुक्र की युति भी राजकीय क्षेत्र में कामयाबी दिलाती है.
Tags
Categories
Please rate this article:
ज्योतिष योग एवं आजीविका (Astrological Yoga and Occupation) Acharya Shashikant Rating: 1.50 out of 5
- Lal Kitab Remedies for Sleeping House - लाल किताब सोया घ...
- मंगल केतु में समनता एवं विभेद (Similarities and differen...
- विवाह के उपाय (Remedies and Upay to avoide late marriag...
- प्रश्न कुण्डली से पूछिये प्रेम में सफलता मिलेगीं या नहीं...
- समय और ग्रहों के अनुकूल रत्न धारण (Wearing Lucky Gemston...
- जैमिनी ज्योतिष से विवाह का विचार Determination of Marria...
- लाल किताब और गृहस्थ सुख (Lal kitab and the Married life)...
- Effects of Jupiter on Career and Business
- जन्म कुण्डली और प्रश्न कुण्डली ( Birth Horoscope vs. Pra...
- ज्योतिष में ग्रहों और राशियों की शक्ति ( The Power of ...
- Free Online Jyotish
- Kundli
- Kundli Prediction
- Kaalsarp Dosha Check
- Varsh Kundli
- Varshfal
- Rashifal
- Monthly Horoscope
- Chogadia
- Rahu Kaal
- Panchangam
- Marriage Compatibility
- Kundli Matching
- Manglik Dosha Check
- Lal Kitab
- Lal Kitab Kundli
- Lal Kitab Kundli Rin
- Numerology
- Name Analysis
- Birth Date Analysis
- Is my name Lucky
- Misc
- Lucky Gemstone
- Lucky Rudraksha bead