- Category archives for: वैदिक ज्योतिष (Vedic Astrology)
मंगल व केतु दोनों ही जोशीले ग्रह हैं. लेकिन, इनका जोश अधिक समय तक नहीं रहता है. दूध की उबाल की तरह इनका इनका जोश जितनी चल्दी आसमान छूने लगता है उतनी ही जल्दी वह ठंढ़ा भी हो जाता है. इसलिए, इनसे प्रभावित व्यक्ति अधिक समय तक किसी मुद्दे पर डट...
Posted in वैदिक ज्योतिष (Vedic Astrology) | और पढो »धनिष्ठा का उतरार्ध, शतभिषा, पूर्वा भाद्रपद, उतरा भाद्रपद व रेवती इन पांच नक्षत्रों ( सैद्धान्तिक रुप से साढेचार) को पंचक कहते है.
Posted in वैदिक ज्योतिष (Vedic Astrology) | और पढो »ग्रहों के अनुकुल फल प्राप्त करने के लिये संबन्धित ग्रह की शान्ति के उपाये किये जाते है. अन्य कारणों से भी ग्रहों की शान्ति करानी आवश्यक हो जाती है.
Posted in वैदिक ज्योतिष (Vedic Astrology) | और पढो »विवाह के लिए प्रश्न कुण्डली में सप्तम, द्वितीय और एकादश भाव को देखा जाता है.
Posted in वैदिक ज्योतिष (Vedic Astrology) | और पढो »जैमिनी ज्योतिष की मान्यता है कि प्राणपद लग्न कर्क राशि में(Pranapada Lagna in Cancer) स्थित होने पर व्यक्ति में दिखावे की प्रवृति होती है.
Posted in वैदिक ज्योतिष (Vedic Astrology) | और पढो »दशम भाव का स्वामी कुण्डली में जिस भाव के स्वामी के साथ स्थित होता है, उस भावेश की विशेषताएं भी व्यक्ति की आजिविका पर प्रभाव डालती है
Posted in वैदिक ज्योतिष (Vedic Astrology) | और पढो »दशमेश का सम्बध कुण्डली के जिन भावेशों से बनता है. उन भावेशों की दशा अवधि में भी व्यक्ति को आजिविका क्षेत्र में सफलता की प्राप्ति होती है.
Posted in वैदिक ज्योतिष (Vedic Astrology) | और पढो »व्यक्ति की आजिविका के विषय में विचार करने के लिये दशम भाव के स्वामी को विशेष महत्व दिया जाता है.
Posted in वैदिक ज्योतिष (Vedic Astrology) | और पढो »जन्म कुण्डली (Birth Chart in Jyotish) या गोचर में जब ग्रहों का शुभ फल प्राप्त न हो रहा हों या फिर पाप ग्रहों के प्रभाव में होने के कारण जब ग्रह व्यक्ति के लिये अनिष्ट या अरिष्ट का कारण बन रहे हों
Posted in वैदिक ज्योतिष (Vedic Astrology) | और पढो »नक्षत्रों से बनने वाले अशुभ योगों में जन्म लेने या फिर नक्षत्रों का अशुभ प्रभाव दूर करने के लिये नक्षत्रों की शान्ति के उपाय किये जाते है.
Posted in वैदिक ज्योतिष (Vedic Astrology) | और पढो »नक्षत्रों से बनने वाले अशुभ योगों में जन्म लेने या फिर नक्षत्रों का अशुभ प्रभाव दूर करने के लिये नक्षत्रों की शान्ति के उपाय किये जाते है.
Posted in वैदिक ज्योतिष (Vedic Astrology) | और पढो »आजिविका के क्षेत्र में सफलता व उन्नति प्राप्त करने के लिये व्यक्ति में अनेक गुण होने चाहिए, सभी गुण एक ही व्यक्ति में पाये जाने संभव नहीं है.
Posted in वैदिक ज्योतिष (Vedic Astrology) | और पढो »एक आशियाना हो अपना हर किसी का रहता है सपना.आशियाना हो या कोई भी अन्य भवन इनके निर्माण के लिए हमारे ऋषि मुनियों ने एक विशेष शास्त्र का निर्माण किया जिसे वास्तुशास्त्र के नाम से जाना जाता है.वास्तुशास्त्र में दिशाओं का खास महत्व होता है.
Posted in वैदिक ज्योतिष (Vedic Astrology) | और पढो »- Lal Kitab Remedies for Sleeping House - लाल किताब सोया घ...
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