1. Category archives for: शनि ग्रह (Saturn)

शनि साढेसाती (Shani Sade Sati) में शनि तीन राशियों पर गोचर करते है. तीन राशियों पर शनि के गोचर को साढेसाती (Shani Sade Sati) के तीन चरण के नाम से भी जाना जाता है.

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शनि देव कर्म के स्वामी हैं (Saturn is the lord of Karma). जिनकी कुण्डली में शनि देव की शुभ स्थिति होती है उनका करियर ग्राफ निरन्तर आगे बढ़ता रहता है . ग्रह की स्थिति जिनकी कुण्डली में अशुभ होती है उन्हें कारोबार एवं रोजी रोजगार में अनेकों त...

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नवग्रहों में शनि स्वयं पाप ग्रह है.जब शनि अन्य पाप ग्रहों के साथ होता है तब यह किस प्रकार का फल देता है यह उत्सुकता का विषय है.क्या शनि का पाप प्रभाव और बढ़ जाता है या शनि शुभ प्रभाव देता है.विभिन्न भावों में पाप ग्रहों से युति बनाकर शनि कि...

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नवग्रहों में शनि को सर्वाधिक शक्तिशाली ग्रह के रूप में जाना जाता है.शनि भाग्य का निर्माता है तो भाग्य को अभाग्य में बदलने की क्षमता भी रखता है.शनि को ज्योतिषशास्त्र में अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान दिया गया है.आइये देखें कि शनि देव गोचर (Transit...

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जैसे कुछ ग्रहों के साथ शनि देव शुभ होते हैं और कुछ के साथ अशुभ फलदायी, उसी प्रकार कुछ 12 राशियों में से कुछ में शनि लाभदायक तो कुछ में हानिकारक होते हैं.आपकी कुण्डली में शनि किस राशि में हैं और यह आपको किस प्रकार से प्रभावित करेंगे आइये इसे...

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ज्योतिषशास्त्र के अनुसार साढ़े साती तब बनती है जब शनि गोचर में जन्म चन्द्र से प्रथम, द्वितीय और द्वादश भाव से गुजरता है। शनि एक राशि से गुजरने में ढ़ाई वर्ष का समय लेता है इस तरह तीन राशियों से गुजरते हुए यह साढ़े सात वर्ष का समय लेता है जो...

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ज्योतिषशास्त्र में शनि के विषय में कहा गया है कि जिनकी कुण्डली में शनि द्वितीय (Saturn in the 2nd house) भाव में होते हैं शनि उनके लिए शुभ फलदायी (Saturn is lucky for them) होते हैं.इस भाव में शनि होने से व्यक्ति बहुत ही चालाक और अपने काम स...

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कुण्डली की वह राशि जिसमे चन्द्र स्थित है (Janma Rashi is the sign in which Moon was placed at the time of birth).

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शनि की महादशा व्यक्ति के संघर्ष व मेहनत की आग मे तपा कर सोने से कुण्दन बनाने के समान काम करती है

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शनि कुण्डली के सभी ग्रहो मे सबसे अधिक मन्द गति से चलता है (Saturn is the slowest planet in the kundali in Vedic astrology). शनि एक ही राशि मे लगभग ढाई वर्ष रहता है. इसलिए सभी शुभ व महत्वपूर्ण घटनाऔ के घटित होने का समय निकालते समय शनि के गोच...

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शनि की साढेसाती (Shani Sade Sati) व ढैया (Shani Dhaiya) के आर्थिक मामलों के लिए अच्छा नही समझा जाता है.

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शास्त्रो मे शनि के नौ वाहन कहे गये है. शनि की साढेसाती के दौरान शनि जिस वाहन पर सवार होकर व्यक्ति की कुण्डली मे प्रवेश करते है.

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कन्या राशि मे शनि के प्रवेश के साथ ही सिंह राशि के जातको के लिए साढेसाती का तीसरा चरण आरम्भ होता है

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